INDC Network : इटावा, उत्तर प्रदेश : राज्य में मॉनसून की सख्त दस्तक ने खर्राटों के बीच बाढ़ की गहरी छाप छोड़ी है। उत्तर प्रदेश के अयोध्या, बांदा और इटावा सहित 17 जिलों में नदी जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। सरयू, यमुना, चंबल और पांची नदियों में तीव्र वृद्धि से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है
उत्तर प्रदेश के इटावा व आसपास के जिलों में लगातार बारिश तथा नदियों के खतरे के निशान पार कर जाने से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इटावा के 17 गांवों में जलभराव, लोग विस्थापित हुए, व प्रशासन ने राहत शिविर, बाढ़ चौकी एवं SDRF टीमों के माध्यम से बचाव अभियान तेज कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में ‘Team‑11’ जिले में राहत कार्यों की निगरानी कर रही है।
इटावा जिले में 18 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जिसमें करीब 17 गांवों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। प्रशासन ने सभी प्रभावित गांवों में बाढ़ चौकियां बनाई हैं और SDRF, NDRF, PAC की टीमें एक्टिव की गई हैं ताकि समय पर राहत और बचाव कार्य सुनिश्चित किया जा सके
जिला प्रशासन के निर्देशों के तहत:
प्रभावितों को ऊँची जमीनों/रिलीफ कैंप में स्थानांतरित किया जा रहा है,
खाद्य सामग्री, दवाइयां, जीवनरक्षक किट, वेटरिनरी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
कई इलाकों में भरेह मंदिर जलमग्न हो चुका है, वहीं चंबल नदी का जलस्तर 116.54 मीटर से ऊपर पहुंच कर खतरे के निशान को पार कर गया है। प्रशासन के अनुसार, 27 बाढ़ चौकियों की स्थापना पहले ही की जा चुकी है।
#Etawahpolice DM इटावा एवं SSP इटावा द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर प्रभावित परिवारों से की मुलाकात, राहत कार्यों की समीक्षा एवं संबंधित अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश । pic.twitter.com/O5T5MOVewg
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गठन की गई ‘Team‑11’ ने राहत कार्यों की निगरानी शुरू कर दी है। प्रत्येक मंत्री को प्रभावित जिलों में तैनात कर खाद्य सामग्री, दवाओं और चिकित्सा की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है। साथ ही प्योर जल, सफाई, बिजली और मेडिकल सुविधा तनावरहित रूप से चलानी होगी
फिरोजाबाद के स्वास्थ्य विभाग और पशुधन प्रबंधन टीमों ने भी प्रभावित क्षेत्रों में डोज़ वेटरिनरी सपोर्ट प्रदान की है। प्रशासन द्वारा प्रतिदिन की बाढ़ स्थिति की अपडेट जनता तक नियमित रूप से पहुँचाई जा रही है।
स्थानीय जनता में इस बाढ़ को लेकर काफी डर और निराशा है। ग्रामीण इलाकों में संपर्क मार्ग टूट चुके हैं और घरों में पानी भर चुका है। प्रशासन ने कहा है कि किसी भी तरह की अफवाह पर भरोसा न किया जाए और आपात स्थिति आने पर यूपी 112 हेल्पलाइन को कॉल किया जाए।
SDRF, NDRF एवं स्थानीय प्रशासन मिलकर संकटपूर्ण परिस्थितियों में सभी स्तरीय सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। बाढ़ का गंभीर प्रभाव इटावा सहित 17 जिलों में दिख रहा है। प्रशासन द्वारा बचाव-राहत कार्य तेज़ी से हो रहे हैं। सरकार की ‘Team‑11’ संरचना राहत कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित कर रही है।