INDC Network : कासगंज, उत्तर प्रदेश : कासगंज जिले में रविवार सुबह अचानक घटी घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। तहसील के ट्रेजरी विभाग में तैनात 45 वर्षीय होमगार्ड जवान देवेन्द्र कुमार की अचानक मौत हो गई। वे आवास विकास कॉलोनी में रहते थे और लंबे समय से कासगंज में सेवाएँ दे रहे थे। रविवार सुबह जब वे घर पर मौजूद थे, तभी अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। परिवारजन ने स्थिति को गंभीर समझते हुए उन्हें तत्काल कासगंज के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। चिकित्सकों ने इलाज शुरू किया लेकिन उपचार के दौरान ही उनकी मौत हो गई।
मृतक होमगार्ड देवेन्द्र कुमार मूल रूप से थाना सिढ़पुरा क्षेत्र के पिलखुन गांव के रहने वाले थे। उनके पिता का नाम राम सिंह है। वर्तमान समय में वे अपने परिवार के साथ आवास विकास कॉलोनी में रहते थे। परिवार में उनकी पत्नी विनीता के साथ 17 वर्षीय बेटा प्रशांत और 14 वर्षीय बेटी पलक है। अचानक हुए इस हादसे से पूरा परिवार सदमे में है और इलाके में शोक का माहौल है।
घटना की सूचना मिलते ही कासगंज पुलिस भी अस्पताल पहुँची। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर मृतक के परिजनों से जानकारी ली और पंचनामा की कार्यवाही पूरी कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मृत्यु का सही कारण स्पष्ट हो सकेगा। फिलहाल प्राथमिक रूप से यह हृदय गति रुकने का मामला माना जा रहा है लेकिन इसकी पुष्टि चिकित्सीय परीक्षण के बाद ही हो सकेगी।
स्थानीय स्तर पर यह खबर फैलते ही होमगार्ड विभाग और प्रशासनिक कर्मचारियों में भी शोक की लहर दौड़ गई। सहकर्मी और मित्र इस घटना से स्तब्ध हैं क्योंकि देवेन्द्र कुमार पूरी तरह स्वस्थ दिखते थे और अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने से किसी को अनुमान भी नहीं था कि स्थिति इतनी गंभीर हो जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्र पिलखुन में भी यह खबर जैसे ही पहुँची, गांव के लोगों में शोक फैल गया। देवेन्द्र कुमार का परिवार क्षेत्र में एक सम्मानित परिवार माना जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि वह मिलनसार और ईमानदार व्यक्ति थे और अपनी सेवा भावना के लिए जाने जाते थे। उनकी मृत्यु से न केवल परिवार बल्कि पूरे गांव और विभाग को गहरा धक्का लगा है।
परिजनों का कहना है कि देवेन्द्र कुमार हमेशा परिवार की जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देते थे और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर विशेष ध्यान देते थे। उनकी मौत के बाद अब परिवार पर गहरी आर्थिक और भावनात्मक चोट पहुँची है। पत्नी और बच्चों की हालत बेहद खराब बताई जा रही है।
जिले में ऐसे कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, जहाँ अचानक तबीयत बिगड़ने से पुलिसकर्मी या होमगार्ड जवानों की मौत हुई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि निरंतर मानसिक दबाव, तनाव और कार्य के दौरान शारीरिक परिश्रम से हृदय रोग का खतरा बढ़ता है। हालांकि अंतिम निष्कर्ष चिकित्सकीय रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आएगा।
फिलहाल पुलिस प्रशासन ने मृतक के परिवार को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया है। साथ ही विभागीय स्तर पर भी उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी गई है।



















