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दिवाली के बाद उत्तर प्रदेश की हवा में ज़हर, नोएडा से मथुरा, कासगंज, फर्रुखाबाद, लखनऊ तक बढ़ा प्रदूषण

INDC Network : लखनऊ, उत्तर प्रदेश : दिवाली के बाद उत्तर प्रदेश के कई शहरों में हवा की गुणवत्ता तेजी से बिगड़ गई है। दिल्ली से सटे जिलों में वायु प्रदूषण ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच चुका है। विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली की प्रदूषित हवा अब उत्तर प्रदेश के अंदरूनी इलाकों की ओर भी बढ़ रही है।

उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) – 21 अक्टूबर, सुबह तक

क्रमांकशहर (City)AQIश्रेणी (Category)
1नोएडा (Noida)310बहुत खराब (Very Poor)
2बुलंदशहर (Bulandshahr)305बहुत खराब (Very Poor)
3हापुड़ (Hapur)302बहुत खराब (Very Poor)
4मथुरा (Mathura)255बहुत खराब (Very Poor)
5कासगंज (Kasganj)220खराब (Poor)
6फर्रुखाबाद (Farrukhabad)200खराब (Poor)
7एटा (Etah)200खराब (Poor)
8मैनपुरी (Mainpuri)200खराब (Poor)
9आगरा (Agra)200खराब (Poor)
10लखनऊ (Lucknow)225बहुत खराब (Very Poor)

दिवाली के बाद बुरी तरह बिगड़ी उत्तर प्रदेश की हवा

दिवाली से पहले उत्तर प्रदेश के कई शहरों में हवा की स्थिति सामान्य थी, लेकिन त्योहार के बाद हालात चिंताजनक हो गए हैं। दिल्ली के साथ-साथ अब उत्तर प्रदेश के शहरों में भी वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है

जहाँ 19 अक्टूबर को कई जिलों में AQI 100 के आसपास था, वहीं अब यह 200 से 300 के पार पहुंच गया है। दिल्ली से सटे नोएडा, बुलंदशहर, हापुड़ और मेरठ जैसे क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता “बहुत खराब” श्रेणी में दर्ज की गई है।


दिल्ली की हवा का असर यूपी में

विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों को सबसे पहले प्रभावित करता है। हवा की दिशा उत्तर-पूर्व की ओर होने के कारण दिल्ली की प्रदूषित हवा धीरे-धीरे लखनऊ, आगरा, मथुरा, कासगंज, फर्रुखाबाद और वाराणसी तक पहुँच रही है। लखनऊ में भी हालात तेजी से बिगड़े हैं — जहाँ 19 अक्टूबर की रात AQI 87 था, वहीं अब यह 225 के पार जा चुका है। यह दर्शाता है कि प्रदूषण का खतरा राजधानी लखनऊ और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक फैल सकता है।


भारत के प्रदूषित शहरों में यूपी के नाम भी शामिल

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, भारत के सबसे अधिक वायु प्रदूषित शहरों में से कई उत्तर प्रदेश में स्थित हैं। नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और बुलंदशहर जैसे शहर अक्सर AQI चार्ट में शीर्ष स्थानों पर रहते हैं। हर साल सर्दियों के मौसम में यह समस्या और गंभीर हो जाती है क्योंकि तापमान में गिरावट और धूल-कणों के जमाव से हवा भारी हो जाती है।


स्वास्थ्य पर असर और सरकार की चिंता

डॉक्टरों के अनुसार, इस स्तर का वायु प्रदूषण सांस से जुड़ी बीमारियों, खांसी, आंखों में जलन और हृदय रोगियों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। राज्य सरकार ने लोगों से अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने और मास्क पहनने की अपील की है। साथ ही, औद्योगिक इकाइयों और निर्माण स्थलों पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।


समाधान की दिशा में प्रयास

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा है कि आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसमें सड़कों पर पानी का छिड़काव, डस्ट कंट्रोल, और खुले में कचरा जलाने पर सख्त कार्रवाई जैसे कदम शामिल होंगे।

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