INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : फर्रुखाबाद के जहानगंज थाना क्षेत्र में दिल दहला देने वाली वारदात हुई। दवा लेने निकली महिला को छह युवकों ने पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया। गंभीर हालत में अस्पताल पहुंची महिला ने पिता को आरोपियों के नाम बताए, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने एक नामजद और पांच अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है।
घटना का सिलसिला
मृतका की पहचान 33 वर्षीय निशा सिंह के रूप में हुई है। निशा की शादी 2013 में मोहम्मदाबाद के जल्लापुर निवासी अमित सिंह चौहान के साथ हुई थी। अमित सिंह दिल्ली में नौकरी करते हैं जबकि निशा अपने दोनों बेटों — 11 वर्षीय रुद्र और 8 वर्षीय शौर्य — के साथ फतेहगढ़ के नेकपुर चौरासी में रहती थी।
एसओजी/सर्विलांस/थाना जहानगंज पुलिस टीम द्वारा मु0अ0सं0 151/2025 धारा 191(2)/105 बीएनएस से सम्बन्धित नामजद/वांछित अभियुक्त की गिरफ्तारी के सम्बन्ध में अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा दी गई बाइट। #Fatehgarhpolicepic.twitter.com/pEbdy6bo5o
6 सितंबर को सुबह निशा घर से दवा लेने निकली। लेकिन कुछ ही देर बाद वह गंभीर रूप से झुलसी हालत में दरियावगंज निवासी डॉक्टर धीरेन्द्र सिंह चौहान के अस्पताल पहुंची। डॉक्टर ने तुरंत परिजनों को सूचना दी।
अस्पताल में दिया बयान
पिता बलराम सिंह के मुताबिक, अस्पताल ले जाते समय निशा ने बताया कि गांव नगला जैतपुर निवासी दीपक सिंह उर्फ मुन्ना सिंह और उसके पांच साथियों ने उसे रास्ते में रोका और कुंदन गणेशपुर स्कूल के पीछे बाग में ले जाकर पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया।
संदिग्ध परिस्थितियां और सवाल
इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। निशा जब घर से निकली थी तो सलवार-सूट पहने थी, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर उसने मर्दाना कपड़े पहने हुए थे। यह भी स्पष्ट नहीं है कि उसे अस्पताल कौन लेकर आया। पुलिस इस पहलू की भी जांच कर रही है।
निशा के पिता का कहना है कि दीपक सिंह उसे लंबे समय से फोन पर बात करने का दबाव बना रहा था। जब उसने इसका विरोध किया तो आरोपियों ने मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस की कार्रवाई
थानाध्यक्ष राजेश राय ने बताया कि मृतका के पिता की तहरीर पर एक नामजद और पांच अज्ञात आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है और कहा है कि जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।
यह घटना न केवल क्षेत्र बल्कि पूरे प्रदेश के लिए महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है। एक शिक्षामित्र की बेटी को इस तरह से जिंदा जलाना सामाजिक व्यवस्था पर गहरी चोट है। अब देखना होगा कि पुलिस जांच किस दिशा में जाती है और पीड़ित परिवार को कब तक न्याय मिल पाता है।