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हर ब्लॉक में लगेगी ‘नारी शक्ति की प्रहरी पंचायत’, महिलाओं को मिलेगा साइबर अपराध से बचाव का पाठ

INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : फर्रुखाबाद ज़िले में महिलाओं की सुरक्षा और साइबर जागरूकता को लेकर पुलिस प्रशासन ने एक नई पहल शुरू की है। इसी क्रम में आज फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के ग्राम निनौआ स्थित प्राथमिक विद्यालय परिसर में “नारी शक्ति की प्रहरी महिला पुलिस पंचायत” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी की अगुवाई स्वयं जनपद की पुलिस अधीक्षक आरती सिंह ने की।

इस मौके पर सीओ अमृतपुर अजय वर्मा, सीओ सिटी ऐश्वर्या उपाध्याय, फतेहगढ़ कोतवाल रणविजय सिंह और ट्रैफिक पुलिस की टीम भी उपस्थित रही। कार्यक्रम के दौरान पुलिस अधीक्षक ने ग्रामीण महिलाओं से सीधा संवाद किया और उन्हें साइबर क्राइम से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।

महिलाओं को बताया गया कि किस प्रकार से वे सोशल मीडिया, ऑनलाइन ठगी, मोबाइल फ्रॉड और डिजिटल धोखाधड़ी जैसे मामलों से सुरक्षित रह सकती हैं। साथ ही, महिलाओं को जागरूक किया गया कि किसी भी साइबर अपराध की स्थिति में वे तत्काल 112 या साइबर हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।

पुलिस अधीक्षक ने गोष्ठी में उपस्थित छोटे बच्चों को भी निराश नहीं किया। उन्होंने बच्चों को पढ़ाई से संबंधित सामग्री — कॉपी, पेंसिल और चॉकलेट वितरित की और उन्हें शिक्षा के महत्व के बारे में बताया।

कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा,

“हमारा उद्देश्य केवल कानून व्यवस्था बनाए रखना नहीं है, बल्कि महिलाओं और बच्चों को समाज में सुरक्षित माहौल देना भी है। हमारा यह अभियान निरंतर जारी रहेगा और जैसा जनता का रेस्पॉन्स होगा, उसी अनुरूप इसे आगे बढ़ाया जाएगा।”

उन्होंने यह भी बताया कि पिछला ऐसा ही कार्यक्रम राजेपुर ब्लॉक में आयोजित किया गया था, जिसे ग्रामीण महिलाओं से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। अब इस अभियान को हर रविवार विभिन्न ब्लॉकों में चलाया जाएगा।

पुलिस प्रशासन का यह प्रयास ग्रामीण इलाकों में महिलाओं और बच्चों को सशक्त बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम माना जा रहा है। ‘नारी शक्ति की प्रहरी पंचायत’ कार्यक्रम आने वाले समय में साइबर क्राइम और महिला अपराधों की रोकथाम में निर्णायक साबित हो सकता है।

ग्राम निनौआ के प्राथमिक विद्यालय में आयोजित यह कार्यक्रम एक संदेश भी देता है कि ग्रामीण भारत में जागरूकता और सुरक्षा को लेकर पुलिस कितनी संवेदनशील हो चुकी है। इस आयोजन में ट्रैफिक पुलिस और अन्य विभागीय सहयोग भी देखने को मिला जिससे यह साबित होता है कि यह केवल एक गोष्ठी नहीं बल्कि एक समन्वित सामूहिक अभियान है।

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